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जैसलमेर के Hotel व रिसोर्ट हाउस फुल

07:25 PM Dec 26, 2024 IST | Jagruk Times

जैसलमेर। 55 वीं जीएसटी परिषद की पिछली 21 को हुई बैठक की महीनों से पूरे भारत में चर्चा ने इस बार उम्मीद से तीन गुना देशी सेलानियों की आवक हो रही है। होटल (Hotel) व्यवसाईयों, रेस्टोरेंट, चाट ठेलो, थ्री व्हीलर वालों के चेहरों पर खुशी छाई है। प्रशासन द्वारा जीएसटी परिषद की बैठक तक सभी व्यवस्था सिंगापुर शहर की भांति थी वर्तमान में वही ढाक के तीन पात' वाली स्थति है।

हालात यह है कि सैलानियों को आसानी से होटलों में जगह तक नहीं मिल रही है। बुधवार की रात जैसलमेर शहर हाउसफुल नजर आया। संवाददाता ने जब शहर का भ्रमण किया तो कई जगहों पर सैलानी सड़कों के किनारे खड़े वाहनों में सोते नजर आए। गांधीनगर गुजरात से आए गोकुल भाई अपने परिजनों व रिश्तेदारों के साथ बस में जैसलमेर घूमने आए हुए थे। उनके साथ 45 यात्री थे। करीब 30 से 40 होटलों में तलाश करने पर भी जगह नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने बस में ही रात बिताने का निर्णय लिया और इस सर्द मौसम में ठिठुरते रहे। यह सिर्फ गोकुल भाई के साथ ही नहीं, कई सैलानियों के साथ हुआ। जब वे शहर पहुंचे तो उन्हें जगह नहीं मिली और आखिर सड़क किनारे गाड़ियों को पार्क कर वहीं पर खाना बनाया और खाने के बाद रात में ही वापस यहां से निकल गए।

एक अनुमान के मुताबिक शहर में इन दिनों रोजाना 8 हजार से ज्यादा गाड़ियां आ रही है। इसके अलावा ट्रेन, फ्लाइट व बसों से आने वाले सैलानी अलग है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यातायात पुलिस ने यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए कड़े प्रबंध कर रखे है। सोनार दुर्ग जाने व आने के लिए अलग अलग रास्ते बनाए गए है। गड़ीसर चौराहे की तरफ से आने वाली गाड़ी को ऑफिसर चौराहा से घूम कर देवचंद्रेश्वर मंदिर के सामने से रिंग रोड स्थित पार्किंग पर जाने की व्यवस्था की गई है। वहीं वहां से वापिस बाहर निकलने के लिए ढिब्बा पाड़ा होकर नगर परिषद के पास से मुख्य सड़क से जोड़ा गया है। वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण कई जगहों पर व्यवस्था गड़बड़ा रही है पार्किंग स्थल फुल है।

पर्यटन नगरी जैसलमेर में गाड़ियों की पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन हजारों छोटे बड़े वाहन आ रहे है। लेकिन इन वाहनों को खड़ा करने के लिए जिला प्रशासन व नगर परिषद ने कोई व्यवस्था नहीं की है। इस वजह से सैलानियों को सड़कों के किनारे ही वाहन खड़े करने पड़ रहे है। यह समस्या पर्यटन सीजन में हर साल होती है। लेकिन इसओर न तो नगरपरिषद ध्यान दे रही है और न ही जिला प्रशासान ध्यान दे रहा है।

रिपोर्ट - कपिल डांगरा

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