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Jaisalmer: अंतर राष्ट्रीय सीमा पर जल दीवार का निर्माण पूर्ण करवाने हेतू दिया मुख्य सचिव पंत को ज्ञापन

06:24 PM Jan 06, 2025 IST | Jagruk Times

Jaisalmer। सीमान्त जिला व किसान जागृति मंच के संयोजक सवाईसिंह देवड़ा द्वारा राज्य के मुख्य सचिव सुधांश पंत को उनके जैसलमेर प्रवास के दौरान ज्ञापन सौंपा। जिसमें देवड़ा ने अंतर राष्ट्रीय सीमा पर जल दीवार का निर्माण पूर्ण करवाने की मांग रखी। देवड़ा ने लिखा कि इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय भारत पाक सीमा को सुरक्षित करने तथा रेगिस्तान को हरा भरा करना था अर्थात इस प्रथम उद्देश्य सीमान्त क्षेत्र की अंतर राष्ट्रीय सीमा पर जल दीवार का निर्माण यानि Ist Line of Defence सुरक्षा की पहली पक्ति तथा दुसरा 'सिंचाई हैं। देवड़ा ने लिखा कि इस दिशा में उक्त परियोजना अभी पूर्ण व सफल नहीं है, कारण स्पष्ट है उक्त परियोजना का लक्ष्य नर्मदा नदी से जोड़ने का प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हुआ हैं।

जैसलमेर जिले की 470 किलोमीटर लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा और बाड़मेर से गुजरात के कच्छ क्षेत्र तक का बड़ा हिस्सा अभी इस परियोजना से वंचित है। इस परियोजना को लेकर वर्तमान यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा तत्तकालीन गुजरात के मुख्यमंत्री की भी इच्छा है कि इन्दिरा गांधी नहर को कच्छ की खाड़ी तक बढ़ाया जावे। 2012-13 उत्तर भारत विकास परिषद की महत्वपूर्ण बैठक में श्रीमान मोदी जी ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव रखा था। इस सम्बन्ध में तत्तकालीन जैसलमेर विधायक श्री गोवर्धन कल्ला ने मोदी जी के मुख्यमंत्री रहते पत्र भी लिखा था तब इसे केन्द्र का विषय बताया गया। तत्तपश्चात् जब मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने फिर दुबारा श्री कल्ला जी ने पत्र लिखा।

उत्तर में प्रधानमंत्री कार्यालय तथा जलशक्ति मंत्री कार्यालय के जवाब आये उसमें स्पष्ट लिखा है "प्रस्ताव स्वागत योग्य व विचारणीय है" मगर राजस्थान सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव हमारे पास नहीं है तत्कालीन राजस्थान सरकार कांग्रेस की थी, प्रस्ताव सरकार ने नहीं भेजा। अब सरकार भाजपा की है, डबल इंजन सरकार है अब सीमान्त क्षेत्र जैसलमेर ही नहीं अपितु बाड़मेर जिले तक की राष्ट्रभक्त जनता की उम्मीदे परवान पर है। आपका नव नेतृत्व व नई सरकार कई वर्षों से बन्द पड़ी लम्बित परियोजना को तुरन्त पूरा करवाने में सक्षम है, ऐसी आशा है।

देवड़ा ने आगे लिखा है कि जैसलमेर जिला अब रेगिस्तान में अन्न उत्पादन में आगे बढ़ रहा है यहां की उपजाऊ भूमि जल अभाव में बहुत सी असिंचित है मगर धीरे धीरे नलकूप खोदाकर किसान अपनी उपज बढ़ा रहा है। इस दिशा में सबसे बड़ी बाधा बिजली की है, नलकूप धारक किसान को नियमानुसार 6 छः घण्टे बिजली भी नहीं मिल रही है। वोल्टेज कम रहने से, कृषि कनैक्शन की मोटरों सहित कई कृषि उपकरण जल जाते हैं। बिजली की कमी से किसान परेशान ही नहीं है बल्कि घाटे की खेती कर रहा है। जैसलमेर जिला बिजली उत्पादक है। जिले के लोग विंड पावर व सौलर उर्जा के प्रतिकूल प्रभावों को भी झेल रहे हैं। इसके बावजूद उसे बिजली का अभाव झेलना पड़ रहा है। सीमान्त जिले की जनता सहित किसान की मांग है कि जैसलमेर जिले को विशेष राहत के साथ 12 घण्टे बिजली कृषि हेतु दी जावे।

उन्होंने मांग की है कि सीमान्त जिले में भू-जल उपलब्ध होने से किसानों द्वारा नलकूप खोदे जा रहे है मगर डिमाण्ड राशि भरी जाने बावजूद बिधुत विभाग द्वारा कृषि कनैक्शन व ट्रान्सफार्मर न दिये जाने से किसान परेशान व घाटे में है तथा डिमाण्ड राशि भरे जाने के बाद सामान्यतः 90 दिन में कृषि कनैक्शन व ट्रान्सफार्मर दिया जाना चाहिए लेकिन सीमान्त जिले में इस सामान्य नियम का विधुत विभाग द्वारा पालना नहीं की जा रही है। 2015 से 2018 तक के डिमाण्ड भरी हुई राशि के किसानों को अभी तक ट्रान्सफार्मर नहीं मिले है ग्रामीण आंचल की कृषि कनैक्शन विधुत लाईनो से घरेलु विद्युत कनैक्शन की लाईन को पृथक की जावे। इस प्रकार किसान हित में बिजली विभाग को निर्देशित करावे।

देवड़ा ने मांग रखी कि सीमान्त जिले जैसलमेर बाड़मेर, सोढाण क्षेत्र (DNP) से उपजी समस्याओं से प्रभावित है। इस क्षेत्र का विकास पिछले 50 वर्षों से रूका हुआ है। विशेष राहत व पैकेज देकर विकास कार्यों व मुलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जावे। सैन्य दृष्टि से महत्तपूर्ण भारत माला प्रोजेक्ट जैसलमेर से म्याजलार, सुन्दरा, मठ ख्याला, 138 KM मुख्य कार्य को तत्काल पूर्ण किया जावे। उन्होंने लिखा है कि उपनिवेशन तथा ग्रामदानी गाँवों से राजस्व रिकॉर्ड
Online करवाया जावे ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके, गरीब किसानों की भूमि भू-माफिया से बचायी जा सके। औरण, गोचर भूमिया राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज की जावे। अंत में मुख्य सचिव को देवड़ा ने लिखा है कि सभी मांगे किसान हितार्थ पूरी की जाने का श्रम करावे।

रिपोर्ट - कपिल डांगरा

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