HMPV वायरस को लेकर Bhilwara का चिकित्सा विभाग हाई अलर्ट मोड पर आया
Bhilwara। चीन के बाद अब भारत में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस HMPV अपना कहर बरपा रहा है। यह वायरस कोरोना की तरह ही लक्षण वाले मरीजों को अपनी चपेट में लेता है और बुजुर्ग फोर्ट 2 साल से कम उम्र वाले काम इम्यूनिटी वाले लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस वायरस के सामने आते ही भीलवाड़ा का चिकित्सा विभाग हाई अलर्ट मोड पर आ चुका है। चिकित्सा विभाग द्वारा आमजन से भी अपील की जा रही है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। अगर किसी व्यक्ति में लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सा विभाग को सूचना दे किसको लेकर चिकित्सा विभाग ने अपना एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है और हर एक बारीकी पर चिकित्सा विभाग द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। आईए जानते हैं एक्सपर्ट्स की जुबानी की आखिर यह वायरस क्या है और इसके क्या लक्षण और बचाव है।
भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सी पी गोस्वामी ने कहा कि इस नए वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) है। इस वायरस के केस देश के अलग-अलग हिस्सों में रिपोर्ट हो रहे हैं। अभी तक वर्तमान में कुल 8 केस रिपोर्ट हुए हैं। यह वाइरस दो साल से कम उम्र वाले बच्चों को प्रभावित कर रहा है और इसकी चपेट में 2 साल से कम उम्र के बच्चे आ रहे हैं। इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। इस वायरस का इलाज संभव है। अब तक इस वायरस की वजह से किसी मरीज की मौत रिपोर्ट नहीं हुई है। अभी तक जो रिपोर्ट केस दर्ज किए गए हैं वह सभी छोटे बच्चों में किए गए हैं। छोटे बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कम होती है जिसकी वजह से यह है प्रभावित करता है। यह वायरस कम इम्यूनिटी लोगों को प्रभावित करता है जिसमें सबसे ज्यादा 2 साल से कम उम्र के बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति को प्रभावित करता है क्योंकि इनकी इम्यूनिटी बहुत कम होती है जिसकी वजह से यह है आसानी से इसके शिकार हो जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस वायरस से बचाव के लिए भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचे और मास्क का प्रयोग करें। अगर कोई संक्रमित है तो उसे व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और इसके अलावा तुरंत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी कार्यालय में सूचना दें। इसके साथ ही टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल, बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपर्क, तौलिये, आदि का इस्तेमाल, बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूना, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना, चिकित्सक से परामर्श किए बिना खुद से दवा लेना। खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें। अपने हाथों को लगातार साबुन और पानी या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से धोएं। भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
इसके अलावा डॉक्टर गोस्वामी ने कहा कि अगर आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें। संक्रमण को कम करने के लिए कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था करें। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से न मिलें. खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करे। यह वायरस खांसी और छींक के दौरान हवा के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सामान को छूने से तथा बीमार व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से शरीर में प्रवेश करता है।
रिपोर्ट - पंकज पोरवाल