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INDIA से परमाणु पाबंदी हटाएगा America

08:54 PM Jan 08, 2025 IST | Jagruk Times
india से परमाणु पाबंदी हटाएगा america

नई दिल्ली। अमेरिका (America) के साथ भारत (INDIA) के बढ़ते रिश्तों के बीच एक अच्छी खबर आई है। भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना है कि पोखरण परीक्षण के बाद जो पाबंदियां लगी थीं, उन्हें हटाया जाएगा। अमेरिका की ओर से यह ऐलान भारत के लिए अच्छी खबर है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच परमाणु करार भी भविष्य में हो सकेंगे।

26 साल पहले पोखरण परीक्षण के बाद लगाया था प्रतिबंध

मई 1998 में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण किया था, जिससे भड़के अमेरिका ने भारत की कई असैन्य परमाणु कंपनियों पर पाबंदियां लगा दी थीं, जिन्हें अब हटाया जाएगा। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि बीते महीने ही अमेरिका ने पाकिस्तान की कई परमाणु कंपनियों पर बैन लगाया था और यह कहा था कि वह एक ऐसी मिसाइल तैयार करने में जुटा है, जो सीधे अमेरिका तक को टारगेट कर सकती है।

कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्तान

इस पर पाकिस्तान का कहना था कि अमेरिकी दावा झूठा है और उसके खिलाफ गलत कार्रवाई की गई है। यही नहीं भारत की ओर से इशारा करते हुए पाकिस्तान ने कहा था कि यदि कोई ऐसे पड़ोसी मुल्क का सामना कर रहा है, जो तमाम हथियारों से लैस है तो फिर पाकिस्तान के साथ यह ज्यादती है।

1998 के परमाणु परीक्षण के बाद भारतीय कंपनियों पर अमेरिका की ओर से लगाए बैन के चलते आज तक दोनों देशों के बीच परमाणु करार नहीं हो सके हैं। ऐसे में अब पाबंदियां हटने से भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच करार हो सकेंगे। इसके अलावा परमाणु समझौतों की दिशा में भी दोनों देशों के लिए आगे बढ़ना आसान होगा। जेक सुलिवन ने आईआईटी दिल्ली में सोमवार को यह बात कही।

बैन हटाने से इन कंपनियों को होगा बड़ा फायदा

अमेरिका के इस कदम से जिन कंपनियों से पाबंदी हटेगी, उनमें कई सरकारी संस्थाएं भी शामिल हैं। अमेरिका ने 1998 में जिन कंपनियों पर पाबंदी लगाई थी, उनमें भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर का डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, इंदिगा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च, इंडियन रेयर अर्थ्स, न्यूक्लियर रिएक्टर्स आदि शामिल हैं।

जेक सुलिवन ने कहा कि हम देखेंगे कि अगला दशक अहम होगा, जब भारत और अमेरिका की कंपनियां मिलकर काम करेंगी। सेमीकंडक्टर तकनीक पर हम काम करेंगे। भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए यह सहयोग अहम रहेगा। सुलिवन ने कहा कि सेमीकंडक्टर तकनीक पर भारत पहला देश है, जिसके साथ अमेरिका काम करेगा।

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