पंचतत्व में विलीन हुए Ratan Tata, हिंदू रीति-रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार (9 अक्टूबर, 2024) देर रात करीब 11 बजे आखिरी सांस ली। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल भर्ती थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। गुरुवार (10 अक्टूबर, 2024) सुबह टाटा का पार्थिव शरीर मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) के लॉन में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। NCPA से उनकी अंतिम यात्रा वर्ली स्थित श्मशान घाट पहुंची। यहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
रतन टाटा की अंतिम यात्रा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए। बता दे कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, उद्योगपति मुकेश अंबानी और कुमार मंगलम बिड़ला समेत राजनीति, बिजनेस और खेल से जुड़ी कई हस्तियों ने टाटा को श्रद्धांजलि दी। वही, अभिनेता अमिताभ बच्चन ने एक्स पर लिखा कि एक युग का अंत हो गया।
रतन टाटा मूल रूप से पारसी थे। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था। टाटा का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से किया गया। बता दे, पारसी समुदाय में अंतिम संस्कार के नियम काफी अलग है। पारसी समुदाय में न तो शव को जलाया जाता है और न ही दफनाया जाता है। पारसी धर्म में मौत के बाद शव को पारंपरिक कब्रिस्तान जिसे टावर ऑफ साइलेंस या दखमा कहा जाता है। जहां मृतक के शव को खुले में गिद्धों को खाने के लिए छोड़ दिया जाता है। हालांकि कोरोना महामारी के वक्त शवों के अंतिम संस्कार के तरीकों में बदलाव हुआ था। इसी वजह से रतन टाटा का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से हुआ।